Science fiction in India has lately emerged as a respectable literary genre. Please join me to have a panoramic view of Indian science fiction.
Friday, February 1, 2008
क्या ग्रेग बियर को आपमें किसी ने पढा है ?हाजिर है , Quantico!
ग्रेग बियर जैसे नामी गिरामी अमेरिकी विज्ञान कथाकार के इस विज्ञान कथात्मक थ्रिलर की इन दिनों बड़ी चर्चा है- इसे अमेरिकी विज्ञान कथा प्रेमियों द्वारा दिये जाने वाले कई पुरस्कारों के लिए भी नामित किया जा चुका है। वे जो ग्रेग बियर से परिचित नहीं हैं जान लें कि अमेरिका में इस सर्व समादृत विज्ञान कथाकार की सेवायें अमेरीकी गुप्तचर संस्था एफ0बी0आई0 द्वारा आतंकवाद के खात्में के लिए ली जा रही हैं । ग्रेग बियर ने एफ0बी0आई0 के मुख्यालय जिसका नाम `quantico ' है को अपनी नई औपन्यासिक कृति के नाम के रूप में चुना है। जो विज्ञान कथा के साथ ही एक सनसनीखेज, रोमांचक उपन्यास का दुहरा आनन्द पाठकों को मुहैया कराती है।
आइये रचनाकार की कृति चर्चा-कृतित्व से पहले उसके व्यक्तित्व का एक जायजा लेते चलें। ग्रेग बियर (पूरा नाम-डेल ग्रेग बियर) का जन्म सैन डियागो, कैलिफोर्नियाँ में 20 अगस्त 1951, को हुआ था। उनके पिता चूँकि नैवी में थे अत: इन्होंने बचपन में जापान, फिलीपींस, अलास्का और अमेरिका के बन्दरगाहों के सैर सपाटे का भरपूर आनन्द उठाया। इन्हीं समुद्री यात्राओं और प्रकृति सामीप्य ने इनको लेखन की ओर प्रवृत्त किया . 15 वर्ष की आयु में इन्होंने अपनी पहली कहानी लिखी जो `फेमस साइंस फिक्शन ´ में छपी। 1979 में इनका पहला उपन्यास `हेजिरा´ प्रकाशित हुआ। इनकी कहानियों - `हार्डफार´, `ब्लड म्यूजिक´ और `टेन्जेण्टस´ के लिये इन्हें प्रतिष्ठित नेबुला सम्मान से नवाजा गया। इनके उपन्यास, `मूविंग मार्स- (1993) के लिए भी इन्हें `नेबुला´ से सम्मानित किया गया। `ब्लड म्यूजिक,´ और `टेन्जेण्टस´ ने इन्हें हूयूगो की भी प्रतिष्ठा दिलाई। इन दिनों ग्रेग मुख्य धारा के उपन्यासों के प्रणयन के लिए भी जाने जा रहे हैं। इनके पसन्दीदा थ़ीम विषय वस्तुओं में `ब्रह्माण्डीय तकरारें´ (फोर्ज आफ गाड्स), कृत्रिम ब्रह्माण्ड (इआन्स-पुस्तक माला), संचेतना और रीतिरिवाज (क्वीन आफ एन्जेल्स) और विकासवाद (ब्लड म्यूजिक, डार्विन्स रेडियो और डार्विन्स चिल्ड्रेन ] हैं। इन्हें अमूमन एक `हार्ड साइंस िफ़क्शन´ रचनाकार के रुप में उदधृत किया जाता है। 'फर्मी पैराडाक्स´, द्रष्टा की दृष्टि में `सत्य´, नैनोटेक्नॉलोजी´ भी इनके प्रिय विषय है। नोबेल विजेता साहित्यकार (2007) डोरिस लेसिंग ने भी ग्रेग की कई कृतियों की सराहना की है।
अब आइये इस महान रचनाकार की नवीनतम कृति Quantico पर एक दृष्टि डालें। क्वािण्टकों एक ऐसे निकट भविष्य की झांकी प्रस्तुत करता है जब बेकाबू आतंकवाद का खौफ सारी दुनिया¡ पर तारी हो चुका है। खासकर अमरीकी गली कूंचे तक दहशत व्याप्त है। दुनिया को ऐसे माहौल से निजात दिलाने के लिए एफ0बी0आई0 के एजेण्ट कमर कसकर एक मुहिम पर चल पड़ते हैं , युवा एजेण्टों की इस टीम में विलियम ग्रिफिन , फाऊद अल हुसम और जेन रोलैण्ड (बिना एक अदद नव यौवना के उपन्यास में प्रवाह कहाँ ?) शामिल हैं। सबसे पहले यह टीम अमेरिकी भूमि पर ही पनप रहे एक जी0एम0ओ0 (जीन परिविर्द्धत जीव) के खतरे से जूझती है। प्लेग के जी0एम0ओ0 का अन्देशा बढ़ चला है, इसलिए वे एक जैव आतंक विशेषज्ञ रेबेका रोज की मदद भी लेते हैं। सम्भावित जैव आतंकी ठिकानों, कारस्तानियों की गहन छानबीन और सन्देहजनक रसायनों की जांच परख के बीच कथानक विस्तार पाता है। `क्वािण्टकों´ के प्रमुख पात्रों में एक- ग्रिफिन वैसे तो एफ0बी0आई0 के ही एक नामचीन स्टाफ का बेटा है मगर अपनी खुद की काबिलियत के जरिये उसने संस्थान में सम्मानजनक स्थान बना लिया है। अल हुसम मुसलमान अमरीकी होने का फायदा उठाता है और अपने मध्य पूर्वी मिशन में सहज ही आतंकवादियों से सम्पर्क करने में सफल होता है और जेन रोलैण्ड पाठको को यह अहसास दिलाती चलती हैं कि यह उपन्यास महज पुरुष प्रधान ही नहीं है। एक पात्र नीली भूरी दुरंगी आंखों वाला `जेनेटिक काइमेरा´ है जो एन्थ्रैक्स के एक ऐसे `स्ट्रेन´ को विकसित करने में लगा है जिससे मनुष्यों की प्रजाति विशेष को लक्ष्यबनाकर उनका समूह/वंश नाश किया जा सकता है।
उपन्यास का कथानक यदा कथा बोिझल हो उठता है किन्तु पाठक का मन घटनाक्रमों में अन्त तक रमा रहे इस उद्देश्य में उपन्यास सफल है। `जी0एम0ओ0´ जनित जैव आतंकवाद की एक ठोस पूर्व पीठिका के रुप में यह उपन्यास सदैव याद किया जायेगा।
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किसी समय एसीमोव के लेखन में कुछ रुचि बनी थी। कालांतर मेँ वह प्रबन्धन और धर्म के अध्ययन से दब गयी। अब आपने गैरी बीयर से परिचय कराय धन्यवाद।
ReplyDeleteधीरे धीरे रुचि पनपेगी!
यह ब्लॉग फीड दे रहा है!
हिन्दी विज्ञान कथा में जो काम आपने मौलिक रूप से किया है, वही काम अब आपने समीक्षा के रूप में शुरू किया है। ग्रेग बियर के इस विज्ञान कथात्मक थ्रिलर से परिचित कराने के लिए बहुत-बहुत आभार।
ReplyDeleteआशा है आगे भी इसी प्रकार नई-नई पुस्तकों के बारे में पढने को मिलता रहेगा।
मैंने कलार्क, एसिमोव, हौयल क्राईटन को तो पढ़ा पर इनक नहीं- जानकारी के लिये धन्यवाद।
ReplyDeleteBadhaii. Bahut hee mahattavapoorna jankari dee hai. Hindi jagat ko Vigyan Kathaon kee duniya se adhik se adhik parichit karayein. Pratiksha rahegi.
ReplyDeleteDivik Ramesh, Noida, India
divikramesh
ReplyDeleteधन्यवाद ,न तो आपका ब्लॉग खुल रहा है और न ही मुझे आपका ईमेल ही मिल रहा ,कृपया सहायता करें .
काफ़ी रहस्य रोमांच का ताना बाना बुना गया है कोशिश की जायेगी कभी पढ़ने की परिचय कराने का धन्यबाद
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