ना बाबा ना बाबा पिछवाडे बुड्ढा खांसता !
अब कथित बुड्ढा खांस ही नही रहा बल्कि वह आपके निजी जीवन मे तांक झांक पर भी उतारू हो गया है । आशय यह कि आर्वेलियन संसार अब वजूद मे आ रहा है , जिसकी कल्पना १९३९ मे ही इस महान उपन्यासकार ने कर ली थी . उस कालजयी कृति का नाम था ,१९८४। इस वैज्ञानिक उपन्यास की चर्चा मैं अपने अगले पत्र मे करुंगा ,फिलहाल आप यह रिपोर्ट पढ़ें ।
खूसट बुड्ढा झांक रहा है !
अभी पिछले माह (15 अगस्त,2007) `टाइम्स आफ इण्डिया´ के लखनऊ संस्करण में यह खबर सुfर्खयों में छपीथी कि चीन अपने नागरिकों के गतिविधियों की निगरानी की एक कम्प्यूटर जुगत को बड़े पैमाने पर आजमा रहाहै। (चाइना प्लान्स टू ट्रैक सिटिजेन्स)। खबर में इस बात का खुलासा था कि 20,000 सर्विलांस कैमरे चीन की गलियों (शुक्र है, चीन की दीवार अभी बची है) में लगाये जा रहे हैं, जिसमें नागरिक गतिविधियों की पल-पल कीजानकारी एक अमेरिकी कम्पनी के आधुनिक कम्प्यूटर साफ्टवेयर के जरिये रखी जायेगी, जो संदिग्ध चेहरों कीपहचान भी करेगा और असामान्य घटनाओं पर भी पैनी निगाह रखेगा। दक्षिण चीन से शुरु हुआ यह याfन्त्रकअभियान शीघ्र ही शेन्झेन शहर जिसकी आबादी एक करोड़ से भी अधिक है को अपनी गिरफ्त में ले लेगा। दुतरफासंचार के लिए यहाँ के नागरिकों को शक्तिशाली कम्प्यूटर चिप युक्त `रेसीडेन्सी´ कार्ड वितरित किया जायेगा, जिसेहरवक्त `आन´ रखना होगा।
इस स्मार्ट कार्ड में नागरिक के नाम पते के साथ ही उनके व्यवसाय- धन्धे की सारी दास्तान, शैक्षिक पृष्ठ- भूमि, धर्म, भौगोलिकता, पुलिस रिकार्ड, मेडिकल बीमे की स्थिति, किरायेदार होने पर मकान मालिक के निवास काफोन नम्बर आदि जानकारी अंकित होगी। अर्थात बच के कहॉ जाओगे बच्चू, बिग ब्रदर इज वाचिंग यू´ की तर्जपर सारा तामझाम किया जा रहा है। इस कवायद ने बरबस ही, जार्ज आर्वेल के `बिग ब्रदर´ की याद दिला दी हैऔर इसे सच कहेंगे या संयोग, आर्वेल ने ऐसी व्यवस्था को एक साम्यवादी देश में ही घटने का दु:स्वप्न देखा था। राजनीतिक टिप्पणीकारों का मानना है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता में बने रहने की अपनी नीयत के चलतेयह सब कर रही है, जिसमें इन दिनों धनाढ्य हो रही चीनी जन शक्ति के गली-गली में उभर रहे व्यवस्था विरोध केस्वरों को कठोरता से दबाया जा सके (आर्वेल का भविष्य दर्शन भी तो बिल्कुल यही है!) चीन की `पब्लिकसेक्योरिटी टेक्नोलॉजी कम्पनी´ जो यह प्रौद्योगिकी मुहैया करा रही है के मुखिया मिशेल लिन की मानें तो यहरेजिडेन्ट कार्ड सभी चीनवासियों के लिए अनिवार्य कर दिया जायेगा और बिना इसके किसी को भी चीन में निवासकी अनुमति नहीं होगी। चीन में इस प्रौद्योगिक मुहिम के विरोध में मानव स्वतन्त्रता के पैराकारों के स्वर बुलन्द होरहे हैं, जिसमें न्यूयार्क के' ह्यूमन राइट्स वाच´ की पदाधिकारी दीनाह पोकम्पनर की आवाज काफी बुलन्द है।