Friday, April 17, 2015

भारतीय विज्ञान कथा के पितामह का अवसान!

दुःख के साथ कहना है कि भारतीय विज्ञान कथा के पितामह रहे राजशेखर भूसनूरमठ का देहावसान विगत विगत १३ अप्रैल (२०१५) को हो गया। १४ अप्रैल की सुबह जब यह सूचना इण्डिएन असोसिएशन आफ साइंस फिक्शन (IASFS) के महामंत्री डॉ श्रीनरहरि ने दी तो मन सहसा उदास हो गया। मैं उनसे पहली बार २००६ में औरंगाबाद में मराठी विज्ञान परिषद द्वारा आयोजित विज्ञान कथा सम्मलेन में मिला था। उनमें एक बाल सुलभ कौतूहल था और उम्र के बंधनो के बावजूद अपार ऊर्जा से लबरेज थे वे! उन्होंने मुझसे कहा कि यहाँ आकर अगर एलोरा की गुफ़ाएँ नहीं देखी तो मन बड़ा पछतायेगा। उन्होंने मुझे लगभग खींचते हुए वहां जाने की पहल की और हम लोग टेम्पो पकड़कर एलोरा गए।  अभी पिछले वर्ष ही उनसे कोचीन में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान कथा सम्मलेन में मुलाक़ात हुयी थी।तब भी वे सक्रिय दिखे और मुझे अपनी साइंस फिक्शन पर न्यूटन्स कैट एवं अन्य कहानियाँ  सहित  दो पुस्तकें भेंट की जो मेरे लिए एक बड़ी अमानत है।  
 औरंगाबाद में मैं और भूसनूरमठ जी एलोरा गुफाओं सामने 
मुझे लगता है कि पश्चिमी विज्ञान कथा के विकास क्रम में जो स्थान एडगर एलेन पो का है वही समग्र भारतीय विज्ञान कथा में राजशेखर भूसनूरमठ जी का है. हम उन्हें मात्र कन्नड़ के विज्ञान कथाकार के रूप में इंगित करके उनके अवदानों को सीमित नहीं कर सकते। उनकी दृष्टि और रचनाधर्मिता पूरी तरह भारतीय है -उनके सृजन के शीर्षकों पर तनिक नज़र तो डालिये -ओमकारा , अमरावती ,मन्वन्तर, मंगला,नौकागाथा, सायकोरामा,मंगला ,किरन,  ऑपरेशन यूएफओ,  न्यूटन के बिल्ली और अन्य कहानियाँ।

वे  IASFS के उपाध्यक्ष थे। श्रीनरहरि के अनुसार  उन्होंने  असिमोव की पहली कहानी मैरून आफ वेस्टा से प्रेरित होकर कहानी लिखी  और इसके साथ ही  विज्ञान कथा  लेखन का कैरियर शुरू कर दिया। उन्होंने 60 से अधिक समीक्षा उपन्यास कहानी संकलन  लिखी हैं  - कल्पध्यान,   पेंडुलम,हिप्नोतकनीक  , पिरामिड , और फ्यूचरोलॉजी सहित शिशु- काल्पनिक कहानियां उनकी विशेष अभिरुचि दर्शित करते हैं । भौतिकी के प्रोफेसर के रूप में  अपने छात्रों  और कई  महान हस्तियों को प्रेरित किया । उन्होंने दर्जनों  विज्ञान  कथा लेखन कार्यशालाओं का सफल  आयोजन किया। वह अपने पीछे पत्नी , दो बेटे और दो बेटियों, रिश्तेदारों, मित्रों और असंख्य शुभचिंतकों को छोड़ गए हैं ।  उन्होंने  वैभवी नाम से एक संस्थान स्थापित किया  है जो विज्ञान कथा  , Futurology , और विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।
मेरी विनम्र श्रद्धांजलि