वरुण सयाल की अमेजन पर उपलब्ध छह रोचक विज्ञान कथाओं का यह संकलन भारतीय पाठको के लिये एक नायाब तोहफा है। कहानियों की सबसे बड़ी खूबी है कि वे आम पाठकों से सहज ही जुड़ जाती हैं और उनमें भाषा की अकादमीयता के प्रति आग्रह या अनिवार्य साहित्यिक श्रेष्ठता जैसा कोई आडम्बर नही है।
सभी विज्ञान कथायें बहुत ही सरल सहज और रोचक शैली में लिखी गयी हैं और पाठकों को बांधे रखने की क्षमता रखती हैं। कहानी नरकाश्त्र भारतीय मिथक और सूदूर भविष्य के योद्धाओं के युयुत्स के सम्मिश्र परिदृश्य की अद्भुत प्रस्तुति है।
'डेथ बाई क्राउड' डिजिटल प्रसारण माध्यम के जरिये भविष्य के मनुष्य की परपीड़ात्मक विकृत आनन्द की एक खौफनाक तस्वीर प्रस्तुत करती है। 'टाइम क्रालर्स' पागलखाने के दो पागलों, एक जूनियर तथा दूसरा सीनियर के बीच इन्टरव्यू के जरिए समय यात्रियों के भूत वर्तमान और भविष्य में उपस्थिति की हैरतअंगेज दास्तान है तो 'जेनी' अलादीन के चिराग के एक सुदूरवर्ती भविष्य के संस्करण का विवरण है जिसकी अलग सी विचित्र शर्ते हैं।
'इक्लिप्स' कहानी वर्तमान राजनीति और राष्ट्राध्यक्षों और उनके समर्पित समर्थकों पर एक मजेदार सटायर है जिसमें शासक राजनेताओं को एलियन 👽 के रुप में दिखाया गया है जिनके खात्मे के लिये एक मनुष्य प्रतिबद्ध होता है किन्तु अन्त में यह रहस्योद्घाटन होता है कि वह खुद भी एक एलियन ही है।
अन्तिम कहानी 'द केव' भविष्यवासियों की अपार मानसिक शक्तियों के प्रदर्शन की थीम पर है। कहानियों में समानान्तर ब्रह्मांड, समय यात्राओं, भविष्य के युद्धाश्त्रों, परग्रही सभ्यताओं पर विशेष फोकस है। पाठकों के लिए इस संकलन की सिफारिश करने में मुझे प्रसन्नता है।
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