अभी पिछले दिनों ही न्यूयार्क टाइम्स ने वह खबर छापी थी जिसके मुताबिक स्टैनफोर्ड के एक जीन इंजिनियर ने मनुष्य के जीन सीक्वेंस तैयार करने की बहुत सस्ती प्राविधि तैयार कर ली है जिस पर पहले के भारी भरकम खर्चे दो करोड़ डालर की तुलना में महज ५० हजार डालर में ही यह काम अंजाम में लाया जा चुका है ! एक कम्पनी KHOME ( उच्चारण -नो -मी ) ने यही काम और भी सस्ते में कर देने के दावे किए हैं .
जीनोम क्रान्ति के इन संभावनाओं पर बहस शुरू होना लाजिमी ही है -पहले तो कहा जा रहा था कि जीन क्रान्ति लोगों तक जीन की जानकारी मुक्त रूप से और प्रजातांत्रिक तरीके से मुहैया करा देगी -मगर अब जीनों के पेटेंट की मुहिम से उन दावों की कलई खुलने लगी है -बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां जीन चिकित्सा के अपने अरबों डालर की कमाई ऐसे ही नही छोड़ने वाली हैं ! हमें उनकी मोटी रकम चुकानी होगी !