Sunday, September 16, 2018

वन्दना सिंह के वैज्ञानिक कहानियों (साईंस फिक्शन) का नया कलेक्शन - एम्बिगुयिटी मशीन्स...

सम्प्रति अमेरिका वासी भौतिक शास्त्री और जानी मानी विज्ञान कथाकार वन्दना सिंह की चौदह कथायें इस नवीन संग्रह में समाहित हैं जिनमें आखिरी कहानी 'रिक्वीम' नई तरोताजी कथा दरअसल एक उपन्यासिका है, बाकि अन्यत्र पूर्व प्रकाशित हैं जिनका संदर्भ उन्होंने संग्रह के अन्त में दिया है।320 पेजी यह कथा संग्रह अमेरिका के स्माल बीर प्रेस से इसी वर्ष (2018) प्रकाशित है।

समीक्ष्य कहानियों में कथाकार का मानवीय दखल से मौसम के बदलावों के अन्देशे  , अतीत के अतिशय अनुराग (नोस्टाल्जिया), भारतीय मिथकों के पात्र , नारी के अपने मूलावास से विस्थापन और   कैरियर के जद्दोजहद  सहित  सुदूर के दिक्काल पर चाहे अनचाहे मानवीय हस्तक्षेपों की झलक खास तौर पर उभरती है। 

भले ही टेलीपोर्टेशन  की थीम लिये 'एम्बिगुयिटी मशीन :ऐन एक्जामिनेशन'  संकलन की शीर्षक कथा है मगर मुझे उपन्यासिका 'रिक्वीम'  संकलन की सर्वोत्तम कथा लगी। यह मानव और मानवेतर पशुओं के साथ संवाद करती एक अनुसन्धानकर्ता रीमा के उत्तरी ध्रुव के एक द्वीप से सहसा गायब होने की कथा है जिसे उनकी भतीजी खोजने के लिए वहां जा पहुंचती है। वहां उसे औद्योगिक उद्येश्यों से लालची मानवों के हस्तक्षेपों  के चलते ह्वेलों पर आये संकट और रीमा का उनसे भाषिक संवाद के प्रयासों का क्लू मिलता है।

अन्य सभी कहानियाँ रोचक हैं मगर अंग्रेजी साहित्य के परिष्कृत अभिरुचि वालें पाठकों को विशेष रूप से भायेंगी। भारतीय पाठक सामान्यतः बहुत सरल कहानी विधा के आदी हैं जिनमें एक साधारण स्टोरीलाईन हो, सस्पेंस रहस्य रोमांच और रोमांस का पुट हो और सहसा अनपेक्षित अन्त हो।

संकलन की पहली कहानी  'विद फेट कान्सपायर'  जलवायु में बदलाव की आशंका लिये वैज्ञानिकों की एक अजीबोगरीब कवायद है जिनके द्वारा एक ऐसी टाईम मशीन सरीखा यंत्र ईजाद हुआ है जो अतीत द्रष्टा है किन्तु केवल कुछ ही अतीन्द्रिय क्षमतायुक्त लोग इसके जरिये अतीत दर्शन कर सकते हैं।

एक निचले तबके की अनपढ़ लड़की गार्गी उनका सब्जेक्ट बनती है और अतीत दर्शन के गोते लगाती रहती है जहां वह कलकत्ता के जीवन और एक कामवाली दाई के दैनिक चर्या की जिजीविषा से रुबरू होती है। लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह की मशहूर नज्म बाबुल मेरो नैहर छूटल जाय की रचना प्रक्रिया के रोचक अवलोकन सहित इस कथा में 'भारतीयता'  रच बस सी गयी है।

अगली कथा 'ए हैन्डफुल आफ राइस' सुदामा के चावल की एक वैकल्पिक कथा प्रस्तुति है जिसमें तन्त्र मन्त्र सरीखी मानसिक शक्तियों की भयावह लड़ाई के जरिये दिल्ली के मुगलिया सल्तनत को हथियाने का प्रयास है किन्तु जीत 'सुदामा के चावल' की ही है। यह एक वैकल्पिक इतिहास (अल्टरनेट हिस्ट्री) की तजवीज है, जो एक बीते युग को साक्षात करती है।

पेरिपटेया (peripatea) एक युवा भौतिकविद के अपने एक सहेली से विछोह की कहानी है, 'लाईफ पाड' नारी पात्र की अन्तरिक्ष यात्रा के दौरान विचारों के झंझावात का वर्णन है।'इन्द्राज वेब' दिल्ली के निकट के एक सोलर ग्राम की एक ईकाई में उत्पन्न खराबी के आश्चर्यजनक कारण को कथावस्तु बनाती है तो 'क्राई आफ द खर्चल'  एक पक्षी के जरिये दन्तकथा की स्टाइल में नारी जीवन की विडंबना को उभारती है।     

अन्य कहानियाँ अन्तरिक्ष सैर के विभिन्न पहलुओं को जीवन्तता से समेटती हैं जिसमें जेनेरेशन शिप में नारी पात्र के मानसिक उलझनों, उसके अपने पारिवारिक विछोह और अकेलेपन के दंश का पुट है तो कहीं जन्म जन्मान्तर तक बदला लेने की की कटिबद्धता सचमुच मूर्त रुप ले लेती है मगर एक एन्टी क्लाइमैक्स के साथ।

अंग्रेजी साहित्य के कथा प्रेमियों के लिए यह एक संग्रहणीय कथाकृति है।

Tuesday, September 4, 2018

टाईम क्रालर्स :वरुण सयाल की विज्ञान कथायें

वरुण सयाल की अमेजन पर उपलब्ध छह रोचक विज्ञान कथाओं का यह संकलन भारतीय पाठको के लिये एक नायाब तोहफा है। कहानियों की सबसे बड़ी खूबी है कि वे आम पाठकों से सहज ही जुड़ जाती हैं और उनमें भाषा की अकादमीयता के प्रति आग्रह या अनिवार्य साहित्यिक श्रेष्ठता जैसा कोई आडम्बर नही है।

सभी विज्ञान कथायें बहुत ही सरल सहज और रोचक शैली में लिखी गयी हैं और पाठकों को बांधे रखने की क्षमता रखती हैं। कहानी नरकाश्त्र भारतीय मिथक और सूदूर भविष्य के योद्धाओं के युयुत्स के सम्मिश्र परिदृश्य की अद्भुत प्रस्तुति है।

'डेथ बाई क्राउड' डिजिटल प्रसारण माध्यम के जरिये भविष्य के मनुष्य की परपीड़ात्मक विकृत आनन्द की एक खौफनाक तस्वीर प्रस्तुत करती है। 'टाइम क्रालर्स'  पागलखाने के दो पागलों, एक जूनियर तथा दूसरा सीनियर के बीच इन्टरव्यू के जरिए समय यात्रियों के भूत वर्तमान और भविष्य में उपस्थिति की हैरतअंगेज दास्तान  है तो 'जेनी' अलादीन के चिराग के एक सुदूरवर्ती भविष्य के संस्करण का विवरण है जिसकी अलग सी विचित्र शर्ते हैं।

'इक्लिप्स' कहानी वर्तमान राजनीति और राष्ट्राध्यक्षों और उनके समर्पित समर्थकों पर एक मजेदार सटायर है जिसमें शासक राजनेताओं को एलियन 👽 के रुप में दिखाया गया है जिनके खात्मे के लिये एक मनुष्य प्रतिबद्ध होता है किन्तु अन्त में यह रहस्योद्घाटन होता है कि वह खुद भी एक एलियन ही है।

अन्तिम कहानी 'द केव' भविष्यवासियों की अपार मानसिक शक्तियों के प्रदर्शन की थीम पर है। कहानियों में समानान्तर ब्रह्मांड, समय यात्राओं, भविष्य के युद्धाश्त्रों, परग्रही सभ्यताओं पर विशेष फोकस है। पाठकों के लिए इस संकलन की सिफारिश करने में मुझे प्रसन्नता है।